दुर्गम गांव शेंशर से पैदल सैंज, व सैंज से कुल्लू पहुंचा महेंद्र पालसरा


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तूफान मेल न्यूज, कुल्लू। जल प्रलय के बाद शेष दुनिया से कटे सैंज घाटी के कई गांवों की सड़कें कट गई है,विधूत व संचार व्यवस्था ठप हो गई है। जिस कारण लोग काफी परेशान है। इसी बीच बहुत सारे लोग जान जोखिम में डाल कर अपने गांव से शहर की बाहरी दुनिया का हालचाल जानने व अपनी व्यथा बताने पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में शेंशर गांव से महेंद्र पालसरा जान जोखिम में डालकर कुल्लू पहुंचा है। महेंद्र पहले अपने गांव शेंशर से पैदल किसी तरह सैंज पहुंचे। इस दौरान कटे व कीचड़ भरे रास्ते में कई जगह गिरे व फिसले इसके बावजूद हिम्मत न हारते हुए आगे बढ़ते रहे। सैंज पहुंचने पर उन्हें पता चला कि कुल्लू तक का सड़क मार्ग बहाल हो चुका है और वे लिफ्ट लेकर कुल्लू पहुंचे।

दाहिने हाथ में लंबा सौठा(डंडा),बाएं हाथ में मोबाइल और कंधे से पीठ तक लटका बैग, यह है शेंशर के महेंद्र पालसरा


महेंद्र ने बताया कि सैंज के बाद के जो गांव हैं वहां के लोग भयंकर बाढ़ व बरसात के दौरान भय में रहे और अब शेष दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग हुए हैं। महेंद्र ने बताया कि गांव नियुली में भारी नुकसान हुआ है। शाकटी में भी भारी नुकसान हुआ है। शाकटी व मरौड़ गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने बाले पैदल पुल बह गए हैं। कहा कि अब यदि सड़क शीघ्र बहाल नहीं होती है तो इन गांवों में राशन की भारी किल्लत हो सकती है। लेकिन उन्हें डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग पर पूर्ण विश्वास है कि वे सारी व्यवस्था करने में सक्षम है।

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