तूफान मेल न्यूज ,बिलासपुर।
विषम परिस्थितियों से लड़ना और उन पर विजय हासिल कर दुनिया के अनुकरणीय उदाहरण बनना ही सच्ची प्रेरणा है। घुमारवीं के सेउ गांव के युवा कार्तिक ने व्हील चेयर पर मौजूदा परिस्थितियों की चुनौती को स्वीकार करते हुए
राष्ट्रीय स्तर की टेबल टेनिस प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल हासिल कर साबित कर दिया है, उड़ान हौंसलों से होती है, इसके लिए पंख इतने मायने नहीं रखते। अभी हाल ही में 14 से 17 मार्च तक मध्य प्रदेश के इंदौर में संपन्न
हुई यूटीटी नेशनल पैरा टेबल टेनिस प्रतियोगिता में कार्तिक ने गोवा के प्रतिद्वंद्वी को शून्य के मुकाबले सीधे तीन सेटों से हराकर गोल्डमैडल अपने नाम किया तथा बिलासपुर और हिमाचल का नाम भी शिद्दत से रोशन किया।

वर्ष 1997 में सेवानिवृत सीएमओ डा. कृष्णा आनंद शर्मा और माता सेवानिवृत
प्रवक्ता कृष्णा शर्मा के घर जन्मे कार्तिक का शुमार बचपन से ही होनहारों में होने लगा। 2008 सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा में जमा दो की शिक्षा ग्रहण करने वाले कार्तिक ने पहली ही कोशिश में 2015 एनडीए में प्रवेश पा लिया। इनका इस प्रवेश परीक्षा में तीसरा स्थान रहा। एयरफोर्स में बतौर पायलट चयनित कार्तिक के साथ पुणे ट्रेनिंग टाइम में एक हादसा पेश आया।
जिससे आसमान की उचाइंयों को अपने कदमों तले रखने के सपने देखने वाले इस काबिल पायलट के साथ अनहोनी पेश आ गई। एक्सरसाइज के दौरान कार्तिक की गर्दन में चोट आ गई और यहीं से कार्तिक के सपनों पर विराम लगना शुरू हो
गया। हालांकि देश के नामचीन सैनिक अस्पतालों में कार्तिक का इलाज हुआ लेकिन पूरी तरह से सफलता हासिल नही हुई। अब कार्तिक सेउ स्थित अपने घर पर है। भले ही किस्मत ने कुछ समय के लिए इन्हें हतोत्साहित किया हो लेकिन
कार्तिक के हौंसलों के आगे किस्मत भी नतमस्तक हैं। सदैव खुश रहने वाले कार्तिक ने अपने पसंदीदा खेल टेबल टेनिस में हाथ आजमाए तथा नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त किया। जहां उन्होंने साबित कर दिया कि सच्ची लगन, कड़ी मेहनत और ईमानदारी से किए गए प्रयास निश्चित तौर पर भलीभूत होते हैं। यहां कार्तिक ने गोल्ड मैडल अपने नाम किया। कार्तिक ने अपनी पढ़ाई को भी सुचारू रखा है। वर्तमान में कार्तिक स्वामी विवेकादंन कालेज घुमारवीं (इग्नू)से स्नातक की पढ़ाई कर रहे है। कार्तिक को फुटबाल देखना अच्छा लगता है। घर में दो बड़ी बहनों में डा. अपूर्वा और अपराजिता से छोटे कार्तिक का कहना है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए विपतियां मनुष्य के जीवन में संघर्ष लेकर आती है ताकि व्यक्ति मजबूत बन सके।