फ्रूट वाइन पर अब 50 हजार नहीं 25 हजार देनी होगी फीस
सरकार ने दी S1AA लाइसेंस धारकों को राहत


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हिमाचल प्रदेश फ्रूट वाइन मेकर एसोसिएशन ने सरकार खासकर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया
तूफान मेल न्यूज कुल्लू।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर संवेदनशीलता दर्शाते हुए S1AA लाइसेंस धारकों की बढ़ी हुई सलाना फीस तो 50000 से घटा कर 25000 कर दिया है। जिसकी फलों की शराब बेचने वाले खुदरा दुकानदारों ने स्वागतयोग्य कदम बताया है व मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है। लगभग 500 लाइसेंस धारक बढ़ी

हुई फीस के कारण लामबंद हो कर सरकार से गुहार लगा रहे थे कि इस बढ़ी हुई फीस को कम किया जाए। आधिकांश S1AA धारक लाइसेंसी वो दुकानदार हैं जो बेरोजगार थे व COVID lockdown के बाद से कमज़ोर आर्थिक हालात से उबरने के संघर्ष में जुटे हैं । मुख्यमंत्री के इस निर्णय की सभी लाइसेंस धारकों ने भूरी भूरी प्रशंसा की है और उनके विषय पर संवेदनशीलता से विचार कर राहत देने का मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है । गौरतलब है कि फलों के जूस से निर्मित शराब के उत्पादन और बिक्री में हिमाचल एक अग्रणी राज्य बन कर उभर रहा है । इस क्षेत्र में रोज़गार और व्यापार दोनों के बढ़ने की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत लिए गए कदम की सभी संबंधित जनों ने मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का दिल की गहराइयों से धन्यवाद किया है । गौरतलब है कि प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करने व स्वरोजगार अर्जित करने हेतु विभिन्न फलों से निर्मित byproduct खास तौर पर फलों से निर्मित शराब बनाने की हिमाचल प्रदेश में अपार व असीमित संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की विशेष अवश्यकता को बल देने बात व्यवसाई करम वीर सिंह पठानिया ने कही । भविष्य में भी फलों और अन्य नकदी फसलों को खराब होने से पहले वैल्यू एडिशन करने हेतु विशेष नीति बनाने की भी मांग की गई जिससे प्रदेश के मंझोले और छोटे बागवानों व किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। मौजूदा समय में प्रसंस्करण उद्योग और फल उत्पादकों की पूर्वगामी व अग्रगामी संबंध स्थापन ( बैकवर्ड एंड फारवर्ड लिंकेज) हेतु कोई विशेष प्रभावी नीति नहीं है । गौर तलब है कि नई तकनीक और अच्छी नस्लों के बीज और पौधों का उपयोग कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती करने की प्रदेश के किसान की समझ बढ़ी है और उत्पादन में वृद्धि भी देखने को मिली है जिस से किसान की आर्थिक स्थिती बेहतर हुई है इसमें कोई शक नहीं पंरतु अधिक उत्पादन होने की स्थिति में किसान और बागवान उचित कीमत न मिलने की स्थिति में आमतौर पर पाए देखे हैं। उस परिस्थिति के मद्देनजर राज्य में लघु और मध्यम प्रसंस्करण उद्योग स्थापित हों इसके लिए विशेष नीति लाई जाए ताकि किसान व बागवान का रुझान खेती बागवानी में बना रहे। कर्मवीर सिंह पठानिया ने फलों से प्रसंस्कृत उत्पादों के उत्पादन और वितरण प्रणाली को विस्तारित व प्रोत्साहित करने की मांग की और S1-S1A-S1AA चेन को एक सफल मॉडल के तौर पर देखने की बात भी कही और उद्धृत किया कि प्रदेश में उत्पादित,प्रसंस्कृत वा वितरित उपभोग योग्य पेय की एक बढ़िया मिसाल हिमाचल प्रदेश में स्थापति हो चुकी है जो की एक गर्व का विषय है और इस कड़ी को विस्तारित करने हेतु मौजूदा सरकार आगे आए । लघु और मध्यम उद्यमियों को करों व नियमों में वांछनीय और संभव छूट दी जाए। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में विश्वस्तरीय उच्च गुणवत्ता का सेब का सिरका (एप्पल साइडर विनेगर)जो की औषधीय गुणों से भरपूर एक मान्यता प्राप्त औषधि है, भी बन रहा है । इस औषधि के विशेष प्रचार और अनुसंधान हेतु माननीय मुख्यमंत्री से विशेष मांग की गई ।
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फ्रूट वाइन मेकर ने जताया सरकार का आभार
हिमाचल प्रदेश फ्रूट वाइन मेकर एसोसिएशन ने सरकार खासकर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया है। फ्रूट वाइन मेकर एसोसिएशन के सदस्य कर्मवीर पठानिया ने कहा कि सरकार ने यह उचित कदम उठाया है। इससे लाइसेंस धारकों की संख्या बढ़ेगी और राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

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