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-हिमाचली भांग के पौधों से वस्त्रों के अलावा 200 दवाईयां बनने की क्षमता
-अमरीका से लेकर युरोप तक भांग पर हो चुका है शोध
-अब भांग में मौजूद नशीले पदार्थ टीएचसी को कम करने पर रिसर्च जारी
-भांग में मौजूद सीबीडी कैमिकल कैंसर व एचआईवी पर लगाएगा रोक
तूफान मेल न्यूज कुल्लू।
भांग के पौधों पर भारत देश सहित विश्व भर में हो रहेशोध से हैरतअंगेज परिणाम सामने आ रहे हैं। भांग के पौधे में सिर्फ एक मात्र नशीला पदार्थ टीएचसी मौजूद है लेकिन अन्य सभी कैमिकल कई बीमारियोंके लिए रामबाण व गुणकारी है। भांग के पौधों में मौजूद पदार्थों में 200 से अधिक बीमारियों को खत्म करने के गुण मौजूद हैं। देश व विदेश में भांग के पौधों पर शोध कर रहे वैज्ञानिक व विभिन्न-विभिन्न प्रकार के वस्त्र व अन्य उत्पाद तैयार कर रही कंपनियों का दावा है कि अभी तक भांग पर जो
शोध हुए हैं उसमें पाए जाने वाले 100 से अधिक कैमिकल में 200 से अधिक बीमारियों को खत्म करने की शक्ति है। भांग के पौधे से नशीला पदार्थ टीएचसी को बाहर करने में वैज्ञानिक यदि कामयाब हुए और सरकार भांग की खेती को वैध करती है तो कई कंपनियां भांग के पौधों से निकलने वाले कैमिकल से 200 से अधिक बीमारियों के इलाज के लिए दवाईयां
भी तैयार करेगी।
भांग के पौधों से निकलने वाले कैमिकल में जहां आम बीमारियों को नष्ट करने के गुण हैं वहीं, लाइलाज बीमारी कैंसर, एड्स व लिवर से संबंधित बीमारियों को खत्म करने के गुण पाए गए हैं। भांग के पौधों से निकलने वाले कैमिकल सीबीडी कैंसर व एड्स जैसी बीमारियों को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा इसी कैमिकल में डायबिटिज सहित कई अन्य बीमारियों के नष्ट करने के भी गुण हैं। इसी तरह सीबीसी और सीबीजी पदार्थ में अस्थमा, लीवर व माइग्रैन सहित कई बीमारियों को खत्म करने के
गुण पाए गए हैं। यदि वैज्ञानिकों की यह सर्च पूरी हो गई और नशीले पदार्थ को भांग के बीज से हटा दिया जाता है तथा एनडीपीएस एक्ट में संशोधन कर
भांग की खेती को वैधता मिलती है तो हिमाचल प्रदेश मालामाल हो जाएगा
क्योंकि हिमाचल प्रदेश की भांग पूरी दुनियां की भांग से उत्तम किस्म की है और यहां पर भांग का पौधा 10 से 40 फूट तक ऊंचा उगता है। इस स्थिति में
हिमाचल प्रदेश में उगने वाली भांग जहां आज तक दुनियां को नशा देती रही है
वहीं भविष्य में दुनियां भर की 200 से अधिक बीमारियों का इलाज करेगी। देश की कई कंपनियां इस स्थिति में हिमाचल प्रदेश की भांग के पौधों को
खरीदने के लिए तैयार है और भांग के पौधों के रेशों से जहां औद्यौगिक क्षेत्र में वस्त्र सहित अन्य उत्पाद तैयार करेगी वहीं, भांग से निकलने वाले पदार्थों से 200 बीमारियों के इलाज के लिए दवाईंया बनाई जाएगी। दुनियां में भांग ही एक ऐसा पौधा है कि जिसमें नशे के साथ ऐसे कई कैमिकल मौजूद हैं जो अन्य पौधों में नहीं है।
इसके अलावा भांग के पौधों से निकलने वाला रेशा दुनियां को कई उत्पाद तैयार करने के लिए भारी मात्रा मे कच्चा माल दे सकता है। गौर रहे कि चीन ने अपनी सैना के लिए भांग के पौधों के रेशों से बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने शुरू कर दिए हैं वहीं, भारत में अभी तक नीजि क्षेत्र में भांग के पौधों से मुंबई की हैंप कंपनी वस्त्र व सौंदर्य उत्पाद बनाने में जुटा हुआ है। भारत में भांग के पौधों से तैयार होने वाले इन उत्पादों की विश्व भर में भारी मांग है। अब यही कंपनी कुछ समय बाद मोबाईल बैटरी भी भांग से ही तैयार करने जा रही है।
भांग के पौधे पर अब तक भारत सहित अमरीका से युरोप तक शोध
भांग के पौधे पर अब तक भारत सहित अमरीका से युरोप तक जो भी शोध हुए हैं
उसमें पाया गया है कि टीएचसी पदार्थ ही नशीला है। जबकि अन्य पदार्थ भारी
गुणकारी हैं। जिससे कई लाईलाज बीमारियों की दवा बनेगी।
भांग को वैध करने की उठती रही है आबाज
भांग की खेती को वैध करने की आबाज उठती रही है और वर्तमान में हिमाचल में इस पर बड़े स्तर पर बिचार- विमर्श जारी है। वर्तमान में कुल्लू के विधायक एवं प्रदेश सरकार में सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने गत वर्ष इसकी जोरदार बकालत की थी। उन्होंने तथ्यों के साथ भांग को वैध करने का पक्ष रखा है। इससे पहले पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने भी भांग को वैध करने की आबाज उठाई थी। जबकि सबसे पहले सराज विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक मोती राम ने आवाज उठाई थी।