Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
कहा, क्षय रोग पर विजय पाने में सरकार के साथ सामाजिक सहभागिता भी जरूरी
तूफान मेल न्यूज शिमला।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज क्षय रोग उन्मूलन को लेकर धर्मशाला में आयोजित बहुक्षेत्रीय सहभागिता पर आधारित एक कार्यशाला की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के प्रति हिमाचल प्रदेश में जागरूकता बढ़ी है और इससे निश्चित तौर पर राज्य वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त बन सकता है।
उन्होंने कहा कि टीबी से जीतने के लिए केवल रोग से लड़ने और समाज को जागरुक करने की आवश्यकता है। क्षय रोग को लेकर जागरूकता के साथ, रोगियों के प्रति संवेदना भी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर पंचायतें अपने स्तर पर कार्य करते हुए टीबी रोगियों की पहचान कर उनका उपचार सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करें तो इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि क्षय रोग उन्मूलन का हल हमारे पास है और वह है साहस। उन्होंने कहा कि केवल सरकारें ही सब कुछ करें, इस मानसिकता से कोई हल निकलने वाला नहीं है। सरकारें अपना प्रयास कर रही हैं और क्षय रोग पर विजय पाने के लिए सामाजिक सहभागिता भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश ने कोविड जैसी महामारी पर भी विजय प्राप्त की है और इसकी तुलना में टीबी से विजय पाना कोई कठिन कार्य नहीं है।
प्रदेश में बढ़ते नशे पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ भी मिलकर लड़ना हा़ेगा। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन तथा नशा मुक्ति के लिए सामूहिक तौर पर सार्थक प्रयत्न करने की जरूरत है। उन्होंने कांगड़ा जिले में निक्षय मित्रों द्वारा क्षय रोगियों को गोद लेने के अभियान की सराहना करते हुए कहा कि निक्षय मित्र इन रोगियों को परिवार के सदस्यों की तरह समझें।
राज्यपाल ने जिला प्रशासन की ओर से टीबी रोगियों को फूड बास्केट और संवेदना किट भी वितरित कीं।
उन्होंने उपायुक्त कार्यालय से टीबी जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और स्वास्थ्य विभाग की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने जिला में टीबी रोगियों को दी जा रही उपचार सुविधाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस अभियान में जिला रेड क्रॉस सोसाईटी द्वारा करीब तीन हजार निक्षय किट वितरित की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त जिले में टीबी रोगियों के अनाथ बच्चों को 150 संवेदना किट भी वितरित की गई हैं। इन बच्चों को भी जिला रेड क्रॉस सोसाईटी ने अपनाया है।
कार्यशाला के दौरान दो टीबी चैंपियंस ने अपने विचार और अनुभव साझा किए। उन्होंने रोगियों को पेश आ रही मुश्किलों से भी अवगत करवाया जिस पर राज्यपाल ने तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आर.के. सूद ने टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिले में की गई महत्वपूर्ण पहल एवं रणनीतिक योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में 311 निक्षय मित्र हैं तथा 1089 टीबी रोगियों ने निक्षय मित्र द्वारा उन्हें अपनाए जाने पर अपनी सहमति दी है।
पुलिस अधीक्षक डॉ. खुशाल शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील शर्मा, टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. भानु अवस्थी, विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, निक्षय मित्र तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।