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तूफान मेल न्यूज, कुल्लू अटल सदन कुल्लू में भाशा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेष द्वारा आयोजित किए जा रहे राज्य
स्तरीय नाट्योत्सव के पांचवें दिन समकालीन नाटक में उड़ान थिएटर ग्रुप बिलासपुर के
कलाकारों ने सहादत हसन मन्टो की प्रसिद्व कहानी पर आधारित नाटक ‘खोल दो’ का सफल मंचन
किया। नाटक का निर्देषन युवा रंगकर्मी अभिशेक डोगरा ने किया। कहानी में सिराजुदीन जो
बंटवारे के कारण भड़क रहे दंगों के बीच अमृतसर छोड़कर मुगलपुरा जा पहुंचता है। उसके
साथ उसकी बीवी और बेटी सकीना भी थी।
परन्तु जब वह अपने आप को कुछ लोगों के बीच
षरणार्थी केम्प में पाता है तो उसे ख्याल आया कि उसकी पत्नी दंगों में मारी गई और
उसकी बेटी सकीना वह आगे निकल गए थे। वह भागते भागते बेहोष हो गया और जब उसे
होष आया तो बेटी को अपने साथ नहीं पाता। अब वह मार काट के बीच अपनी बेटी सकीना को
-सजयूं-सजयने लगता है। वह उसे कुछ नौजवान मिलते है तो उन्हें अनी बेटी का हुलिया बताता है
और -सजयूं-सजयने की गुज़ारिष करता है। वे उसे आष्वासन देते हैं। वे उसे -सजयूं-सजय भी देते हैं
परन्तु सिराजुदीन को बताते नहीं। एक दिन कुछ लोग एक लड़की का लाष स्ट्रेचर पर लाते हैं और
अस्पताल के एक कमरे में उसे छोड़ जाते हैं।
सिराजुदीन छुपते छुपाते वहाँ पहुँच जाता है और
उस लाष को देखने लगता है तो वह सकीना होती है। वह उससे लिपट कर रोता है। उसी समय डाॅ
कमरे में प्रवेष करता है तो कहता है कि खिड़की खोल दो। सकीना की लाष में हरकत होती
है और वह अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर सलवार नीचे सरका देती है। उसे उन जवानों ने
इतना आतंकित किया कि खोल दो बोलते ही वह अपनी सलवार खोल देती है। नाटक में षिवांगी
रघु, अभिशेक सोनी, नबीन सोनी, आकाष, वर्शा, निखिल चैधरी, अष्विका ठाकुर, श्रृश्टि कालिया,
मिलाप षर्मा निषांत रघु व इषान गौतम ने अभिनय किया। समकालीन नाटक ने जहां दर्षकों की
आंखें नम की वहीं मण्डी के लोकनाट्य बांठड़ा ने दर्षकों को लोट पोट कर दिया।
जहां हरिरंग में कृश्ण और सखियों ने दर्षकों का मन मोहा वहीं कुलदीप गुलेरिया और
ललिता बांगिया के अभिनय ने दर्षकों का ठहाके मारने के लिए मजबूर कर दिया। दर्षकों ने
भी अच्छी खासी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।