शिमला;  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, एचपीयू में एसएफआई द्वारा जनजातीय छात्रा पर किया गया जानलेवा हमला, विश्व विद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन मौन क्यों, एसएफआई के दोहरे चरित्र का पर्दाफाश-छात्राओं पर अभद्र टिप्पणियाँ व जान से मारने की धमकी के विरोध में प्रदर्शन

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शिमला;  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, एचपीयू में एसएफआई द्वारा जनजातीय छात्रा पर किया गया जानलेवा हमला, विश्व विद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन मौन क्यों, एसएफआई के दोहरे चरित्र का पर्दाफाश-छात्राओं पर अभद्र टिप्पणियाँ व जान से मारने की धमकी के विरोध में प्रदर्शन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुई निंदनीय घटना का विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन किया । पिछले कल शाम 4 बजे जनजातिय समुदाय से संबंध रखने वाली किनौर जिले के ठंगी क्षेत्र से संबंध रखने वाली छात्रा पर पुस्तकालय से छात्रावास जाते समय समर हिल चौंक के नजदीक एसएफआई (कम्युनिस्ट) की 5 लड़कियो और 9 लड़को द्वारा तेजधार हथियार से हमला किया गया

जिसमे जनजातीय छात्रा को गंभीर चोट लगी और जनजातीय समुदाय का अपमान करते हुए अभद्र टीपनी की गई । छात्रा के जनजातीय समुदाय से होने, जनजातीय कोटे से HPU में प्रवेश लेने व जनजातीय लोगों के शारीरिक बनावट का उपहास (मजाक) किया इसी घटना के संदर्भ में अभाविप विश्वविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष इंश ढटवालिया ने बताया की पिछले तीन महीने से विश्वविद्यालय का माहौल खराब करने का कम एसएफआई के गुंडों द्वारा किया जा रहा है

आज भी विश्वविद्यालय में एक बार फिर निंदनीय घटना सामने आयी कल शाम को एसएफआई के 9 ,10 गुंडों ने एक छात्रा पर जानलेवा हमला किया ।

जहाँ एक ओर एसएफआई सार्वजनिक मंचों पर महिला अधिकारों और सामानता की बात करता है,वही दूसरी ओर इसके सदस्यों द्वारा लड़कियों को डराने-धमकाने,मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने से भी नहीं चूकते ।यह एक घिनौना दोहरा मापदंड है,

जिसे विद्यार्थी परिषद बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगे । उन्होंने बताया की किसी भी संगठन को,चाहे वह छात्रहित के नाम पर ही क्यों न हो,लड़कियों की गरिमा और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है ।ऐसे वक्तव्यों से न केवल विश्वविद्यालय का माहौल दूषित होता है,बल्कि यह छात्राओं की मानसिक सुरक्षा को भी प्रभावित करता है ।

जनजातीय छात्रा के साथ हुई निंदनीय घटना यह कोई पहली बार नहीं है इस प्रकार की घटना एक वर्ष पहले भी विश्वविद्यालय छात्रावास में सामने आयी थी जिसमे एसएफआई के द्वारा जनजातीय समुदाय के छात्र से मारपीट की गई थी

जिसमे छात्र की आंख में गंभीर चोट लगी थी ।अगर हम विश्व विद्यालय परिसर के बाहर की बात करे तो इसी वर्ष जनवरी माह में छत्तीसगढ़ी के बीजापुर में सेना पर हमला करने वाले भी कम्युनिस्ट थे कुछ वर्ष पूर्व जेएनयू में भारत के टुकड़े करने के नारे लगाने वाले भी कम्युनिस्ट थे साथ ही जब पहलगाम में हमला हुआ

तो पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चुपी साधने वाले भी कम्युनिस्ट थे जिससे कि यह साबित होता है कि यह संगठन राष्ट्र विरोधी संगठनों की सूची में है

इस घटना के बाद जनजातीय छात्रो के बीच यह घटना काफ़ी चर्चित है एवं आक्रोश का रूख पकड़ रही है इस घटना पर विश्वविधालय प्रशासन, और पुलिस प्रशासन ने अभी तक कोई कार्यवाई नही की है

विद्यार्थी परिषद प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करती है की दोषियो के खिलाफ सख्त से सख्त सजा दी जाए । ताकि किनौर से शिमला शिक्षा ग्रहण करने आई छात्रा को न्याय मिल सकें।

 

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