मुख्यमंत्री की शिला पट्टिकाओं से एमएलए का नाम गायब,मित्र का नाम अंकित:बोले एमएलए सुरेंद्र शौरी,कहा ,सीएम ने बंजार को दिया नहीं बल्कि बंजार से छीना है

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तूफान मेल न्यूज ,कुल्लू ।

बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू बंजार दौरे पर है और करोड़ों के उदघाटन होने है,लेकिन उदघाटन शिला पट्टिकाओं से चुने हुए प्रतिनिधि विधायक का नाम गायब है और एक मित्र का नाम पट्टिकाओं में अंकित किया गया है। यह आरोप बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने लगाया है। यहां कुल्लू में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा है कि यह एक स्वच्छ परंपरा नहीं है। उन्होंने कहा कि आजतक के इतिहास में मुख्यमंत्री के साथ विधायक को छोड़कर शिला पट्टिकाओं में कभी भी मित्र का नाम अंकित नहीं हुआ।

वह मित्र चुना हुआ प्रतिनिधि नहीं है,वह पंच तक नहीं है और उसका नाम अंकित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक चुने हुए प्रतिनिधि विधायक का अपमान है और ऐसा अपमान सहन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकारी मंच का कांग्रेसीकरण किया गया है और यह स्वच्छ लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने बंजार को इन तीन वर्षों में कुछ भी नहीं दिया बल्कि बंजार से छीना है। बंजार से मुख्यमंत्री ने कैबिनेट से मंजूर शुद्धा 19 संस्थान छीने है। उन्होंने कहा कि जिस पंचायत के शरची गांव में सीएम बुधबार रात को ठहरने बाले हैं उसी गांव का सीएचसी छीना गया है,देहरी का अस्पताल भी डीनोटिफाई किया।

उन्होंने कहा कि इसी तरह इस क्षेत्र के कई संस्थान डीनोटिफाई किए गए। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि आपने बंजार को दिया क्या। जिस हेलीपैड में आप उतरने बाले हैं वोह हमने बनाया है। जिन विकास कार्यों के आप उदघाटन करने बाले हैं वोह हमारे काम है और हमारा ही नाम शिला पट्टिकाओं से गायब है। उन्होंने आरोप लगाया है कि आज तक प्रदेश स्तर के चेयरमैन रहे लेकिन उनका नाम शिला पट्टिकाओं में दर्ज नहीं किया गया।

उन्होंने कहा बंजार से लाडा के धन को भी सीएम ने छीन लिया और बंजार अस्पताल की अपग्रेडेशन की नोटिफिकेशन भी रद्द की और आज बंजार अस्पताल के हालत खराब है। उन्होंने कहा कि बंजार बाईपास का काम हमने किया है और वर्तमान सरकार ने तीन अढ़ाई वर्षों में सिर्फ 200 मीटर सड़क का निर्माण किया और आज उसका उदघाटन मित्र का नाम अंकित कर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बंजार के पर्यटन के लिए बजट में फूटी कौड़ी नहीं दी और अब बंजार के जंगलों को धन्नासेठों को दिया जा रहा है। ऐसे जंगल दिए जा रहे हैं जहां पर्यटन उभर चुका है और वहां के युवाओं के रोजगार को भी खत्म किया जा रहा है। जबकि ऐसे जंगलों को दिया जाना चाहिए था जहां पर्यटन उभरा नहीं है। उन्होंने कहा कि बंजार के लिए लाडा के 50 करोड़ सेक्शन किए थे लेकिन इस सरकार ने सत्ता में आते ही वोह धनराशि भी खारिज की।