तुफान मेल न्यूज, कुल्लू.
ट्रॉउट कंज़रवेशन एंड एंगलिंग एसोसिएशन एवं हिमाचल प्रदेश एंगलिंग एसोसिएशन ने टूरिज़्म डेवलपमेंट कौंसिल मनाली, कुल्लू , मत्स्य विभाग के पतलीकुहल ट्रॉउट फार्म और वन विभाग के इको टूरिज़्म सोसाइटी ECOSOC के सहयोग से 2014 में पहली बार संस्था के संस्थापक स्वर्गीय रूपेंद्र कँवर की स्मृति में कुल्लू घाटी में देश के पहले ‘ कैच एंड रिलीज़ ‘ नियमों के अंतर्राष्ट्रीय मापदंड के अनुसार ट्रॉउट एंगलिंग प्रतिस्पर्धा के आयोजन का 8वां संस्करण व संवादात्मक (इंटरएक्टिव ) वर्कशॉप का मनाली के ब्यास नेचर पार्क में कुल्लू की ज़िलाधीश तोरुल एस रवीश के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का प्रारम्भ गायत्री मंत्रोचारण के बीच कश्मीर घाटी में शहीद हुए पर्यटकों के इलावा, पिछले वर्षों में स्वर्ग सिधारे संगठन के सदस्य स्वर्गीय जिम्मी जॉनसन,दिलाराम शबाब,चेतन,गोलू व राम सिंह की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मोन रख कर हुआ। संगठन के अध्यक्ष रूप चंद कटोच ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘ट्रॉउट मछली के संरक्षण और संवर्धन’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में ज़िलाधीश , कुल्लू ज़िला पर्यटन अधिकारी सुनयना शर्मा,हिमाचल प्रदेश एंगलिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष केo बीo रलहन,पतलीकुहल ट्रॉउट फार्म के वरिष्ठ मत्स्य अधिकारी अरुणकांत वर्मा, अध्यक्ष रूप कटौच, कुल्लू ट्रॉउट फार्मर एसोसिएशन के अध्यक्ष शक्ति सिंह जमवाल और जिभी वैली (सेराज) टूरीज़्म डेवलपमेंट एसोसिएशन के प्रतिनिधि ललित कुमार ने विषय विशेषज्ञ के रूप में प्रतिभागियों, जनप्रतिनिधियों व पर्यटन से जुड़े हितधारकों के प्रश्नों का उत्तर दिया। जिभी वैली पर्यटन विकास संगठन (सराज) ने अपने क्षेत्र में सरकार, स्थानीय पंचायती राज संस्थाओं, व समुदाय के साथ सहभागिता के अंतर्गत नदियों, वनों और गांव में सतत कायाकल्प करने के लिए इस वर्ष 2025 – 26 का ‘ स्वर्गीय दिलाराम शबाब रनिंग ट्रॉफी ‘ जितने पर बताया कि किस प्रकार बंजार घाटी का सामुदायिक पर्यटन मॉडल हर हिमालयी क्षेत्र के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने सैंज नदी के ऊपरी बाँध में भी ब्यास नदी में छोड़े गए ट्रॉउट मछली की अंगुलीकाओं की स्टोकिंग करने का अनुरोध किया।