तुफान मेल न्यूज, कुल्लू
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हिमाचल प्रदेश सरकार ने वन अधिकार अधिनियम को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो प्रदेश सरकार का सराहनीय कदम है। भूमिहीन आवासहीन संगठन जिला कुल्लू के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के नेतृत्व में यह अभियान चल रहा है,

जो जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान साबित होगा वन अधिकार अधिनियम 2006 पारंपरिक वन-निवास समुदायों और आदिवासी आबादी के अधिकारों से संबंधित है, जिन्हें भारत में औपनिवेशिक काल के वन कानूनों के जारी रहने के कारण दशकों से उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है।

यह अधिनियम 29 दिसंबर 2006 को लागू हुआ था। *वन अधिकार अधिनियम के तहत 13 दिसंबर 2005 से पहले जो वन भूमि पर किसी तरह का दखल अपनी रोजी रोटी के लिए रखता है, गौ शाला है या इस भूमि पर घर बनाया है व खेती कर रहा है, उन्हें अधिकार मिलेगा। ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि जरूरतमंद लोग ग्राम सभा में अपने दावे पेश करें और वन अधिकार समिति व ग्राम सभा में फॉर्म भर कक दे जरूरतमंद लोगों को वन अधिकार समिति व ग्राम सभा में फॉर्म भर कर देना होगा।
वन विभाग के मुलाजिम इसमें कोई आना-कानी नहीं कर सकते हैं, अन्यथा उन्हें जुर्माने का प्रावधान है। भूमिहीन आवासहीन संगठन जरूरतमंद लोगों को फॉर्म भरने से लेकर सभी जानकारी देने में सहयोग कर रहा है।ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि धना सेठों के सैकड़ो बीघा के हिसाब से जमीनों पर कुंडली मारी है, लेकिन गरीबों के साथ सरासर अन्याय होता है। वन अधिकार अधिनियम का लाभ पात्र लोगों को मिलेगा और यह अभियान जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान साबित होगा।¹