देखें वीडियो,,,,,,अमित शाह द्वारा बाबा साहेब पर की गई अपमानजनक टिप्पणी पर भड़का कुल्लू का दलित समाज , उतरा सड़कों पर , डीसी कुल्लू के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग उठाई


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तुफान मेल न्यूज,कुल्लू।

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केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर की गई अभद्र टिप्पणी के विरोध में भीम ज्योत फाउंडेशन कुल्लू के बैनर तले जिला भर का समूचा दलित समाज सड़कों पर उतर गया। शुक्रवार को दलित समाज ढालपुर मैदान के प्रदर्शनी ग्राउंड में जुट गया और अमित शाह के खिलाफ नारेवाजी करते हुए डीसी कार्यालय पहुंचा। डीसी कुल्लू तोरुल एस. रवीश के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर गृह मंत्री अमितशाह के इस्तीफे की मांग को मजबूती से उठाया ।

भीम ज्योत फाउंडेशन के चेयरमैन अमर चंद शलाठ ने कहा कि हम उस धर्म को नहीं मानते जहां संविधान निर्माता का अपमान हो । उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के पास 31 डिग्रियां थी । अमित शाह पैदा भी नहीं हुआ था जब उन्होंने संविधान लिखा।उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर के योगदान को न भूलते हुए भारत के संविधान और डॉ. अंबेडकर के योगदान का सम्मान हमेशा किया जाए और उनका अपमान करने वाली किसी भी टिप्पणी को सख्ती से नकारा जाए। महामहिम राष्ट्रपति से आग्रह किया कि संविधान में निहित समानता, न्याय और भाईचारे के सिद्धांतों की रक्षा करें और इस प्रकार की बयानबाजी से समाज में असमानता और नफरत फैलाने की कोशिशों को सख्ती से रोकें। अमित शाह के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में किसी भी सार्वजनिक पदाधिकारी द्वारा इस प्रकार की टिप्पणियाँ नहीं की जाएं। वहीं दलित नेता वीडी कुलवी, दिले राम ने भी अपने भाषण में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब पर की अभद्र टिप्पणी के खिलाफ कड़े शब्दों में विरोध जताया। अमर चंद शलाठ ने शाफ शब्दों में कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त जातिवाद, असमानता और शोषण के खिलाफ अपने जीवन भर संघर्ष किया। उनके योगदान से न केवल दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों को सम्मान और अधिकार मिले, बल्कि भारत में समानता और न्याय का आदर्श स्थापित हुआ।डॉ. अंबेडकर ने न केवल भारतीय संविधान में सामाजिक न्याय की नींव रखी, बल्कि महिलाओं, मजदूरों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की भी रक्षा की। उनके जीवन और संघर्षों के कारण वे न केवल एक नेता, बल्कि एक आस्था और आदर्श बन गए हैं। लाखों लोग उन्हें भगवान के रूप में देखते हैं और उनका सम्मान करते हैं। हम उस धर्म को नहीं मानते जहां संविधान निर्माता का अपमान हो डॉ. अंबेडकर के योगदान को न भूलते हुए भारत के संविधान और डॉ. अंबेडकर के योगदान का सम्मान हमेशा किया जाए और उनका अपमान करने वाली किसी भी टिप्पणी को सख्ती से नकारा जाए।कुल्लू का दलित समाज महामहिम राष्ट्रपति से आग्रह करता ही कि संविधान में निहित समानता, न्याय और भाईचारे के सिद्धांतों की रक्षा करें और इस प्रकार की बयानबाजी से समाज में असमानता और नफरत फैलाने की कोशिशों को सख्ती से रोकें। अमित शाह के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में किसी भी सार्वजनिक पदाधिकारी द्वारा इस प्रकार की टिप्पणियां नहीं की जाए। इस मौके पर सैंकड़ों की संख्या में कुल्लू का दलित समाज मौजूद रहा।

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