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तुफान मेल न्यूज, बन्जार्।
विकास खंड वंजार के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत चकुरठा के अति दुर्गम क्षेत्र का राजकीय माध्यमिक पाठशाला पढारनी पिछले 9 वर्षों से निजी मकान में चल रहा है । बीते 9 वर्षों से दो गुटों की लड़ाई में भवन का निर्माण कार्य नहीं हो पाया है और स्कूल की तीनों कक्षाएं पिछले 9 वर्षों से निजी मकान में चल रही है।
लंबे अरसे से चल रहा विवाद को लेकर शिक्षा विभाग ने स्वयं मौके पर पहुंचकर 10 बिस्वा भूमि दान करने वाले बलमकुंद की जमीन पर मिडिल स्कूल पढारनी का भवन बनाने का निर्णय लिया है। बता दे कि वंजार उपमंडल के दुर्गम गांव पढ़ारनी के मिडिल स्कूल मामले को सुलझाने के लिए के लिए प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक सुरेंद्र शर्मा, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी बंजार, प्रधानाचार्य कोटला, स्कूल प्रवंधन समिति के अध्यक्ष वलवीर सिह सहित स्कूल प्रवंधन समिति के सदस्यों ने मौके पर पंहुच कर समाधान निकाला ।
वता दे कि बंजार घाटी के मिडिल स्कूल पढ़ारनी के विद्यार्थियों के डीसी कार्यालय कुल्लू के बाहर कक्षाएं लगाने की चेतावनी के बाद शिक्षा विभाग की नींद टूटी है। बीते शनिवार को प्रारंभिक शिक्षा विभाग कुल्लू के उपनिदेशक ने स्कूल का दौरा किया। स्कूल प्रबंधन समिति और अभिभावकों के साथ बैठक कर 10 बिस्वा जमीन में स्कूल भवन का निर्माण करने पर सहमति बनी है ।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने स्कूल भवन के लिए छह लाख 30 हजार रुपये मंजूर किए हैं। अपसी विवाद के चलते भवन का निर्माण नहीं हो पाया है। स्कूल प्रबंधन समिति ने 23 दिसंबर को उपायुक्त कार्यालय के बाहर स्कूल के बच्चों की कक्षाएं लगाने की चेतावनी दी थी। इसके पूर्व 21 दिसंबर को शिक्षा उपनिदेशक सुरेंद्र शर्मा टीम के साथ पढ़ारनी स्कूल पहुंचे। उन्होंने उन दो जगहों को भी देखा, जहां स्थानीय लोगों ने स्कूल भवन के लिए भूमि दान की है।
इसके बाद एसएमसी और ग्रामीणों के साथ बैठक की।इसमें सहमति बनी कि स्कूल भवन का निर्माण दस बिस्वा जमीन में किया जाएगा। जिससे बालमुकुंद ने दान किया है। अब स्कूल भवन निर्माण की प्रक्रिया को लेकर शिक्षा विभाग शिमला को पत्र लिखेगा। इससे एसएमसी पढ़ारनी के साथ विद्यार्थियों और अभिभावकों को स्कूल भवन मिलने की उम्मीद बंध गई है ।एसएमसी अध्यक्ष बलवीर सिंह ने कहा कि वर्ष 2016 में पूर्व मंत्री दिवंगत कर्ण सिंह के प्रयास से यह स्कूल खुला था, लेकिन नया भवन नहीं बन पाया। भवन निर्माण की बार- बार गुहार लगाने पर भी किसी ने नहीं सुनी। वर्तमान में यहां छठी से आठवीं तक 26 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में स्कूल भवन के लिए सरकार ने छह लाख 30 हजार रुपये स्वीकृत किए है। वहरहाल 9 वर्षों वाद मिडिल स्कूल पढ़ारनी के भवन वनने का रास्ता साफ हुआ है।