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तुफान मेल न्यूज, कुल्लू।
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सृष्टि के रचयिता देव श्रीबड़ा छमाहूं के दर्शन के लिए जिला कुल्लू की सराज घाटी के दलयाड़ा मंदिर में भारी जनसैलाव उमड़ पड़ा। यहां नए देवरथ के दर्शन के लिए 30 हजार से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंचे।

वहीं जिला कुल्लू व मंडी के 65 देउल के देउलू अपने क्षेत्र के देवताओं की भेंट लेकर यहां पहुंचे। 12, 13 व 14 दिसंबर को यहां भारी भीड़ रही और श्रद्धालुओं ने यहां पहुंच कर नव निर्मित देव रथ सृष्टि के रचयिता देव श्रीबड़ा छमाहूं से आशीर्वाद लेकर पूण्य कमाया।

शनिवार को देवश्री बड़ा छंमाहू तीन भाई व वहन महाशक्ति माता तोतला के अलावा पराशर ऋषि संग दलियाडा मंदिर से सोने के जमाणे में सवार होकर अपनी हरयान के लिए लाव लश्कर के साथ रवाना हो गए हैं।

देवता के पुजारी धनेश गौतम,कारदार मोहन सिंह,देव कमेटी के सचिव शेर सिंह मास्टर ने बताया कि बीते तीन दिनों में देवश्री बड़ा छंमाहू के मूल स्थान दलियाडा मंदिर में 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माथा टेक कर आशीर्वाद लिया।

वहीं जिला कुल्लू व मंडी क्षेत्र के प्रमुख देवी देवताओं में बालुनाग,श्रृंगा ऋषि,चुंजवाला,मार्कंडेय सुनारू,देवता भूहणी भुराह ,भिट्ठु नारायण थाची,विष्णु मतलौडा,ब्रह्म,पुंडीर ऋषि बनोगी ,विठू ब्रह्मा शाक्टी, गर्ग ऋषि रोट,गर्गाचार्य सचानी, श्यामा काली दलासनी, मार्कंडेय बलागाड़,पुलगा व शरण छमाहूं कमेटी,जमलू पुलगा,लक्ष्मी नारायण थणी चेंड़ ,दरवासा पालगी, नारद मुनी निणु, छमाहूं टीलरु,महाकाल पझारी सम ज्ञक्षंतणघघ बाहु, जोगनी माता बाहु,श्रृंगा ऋषि घ्यागी, बूढ़ी नागन घ्यागी,महामाई कछेणी,जल देवता शिल्ह,मार्कंडेय थलौट,मार्कंडेय खमराधा,देंइंत देवधार कुल्लू पुंडीर बनोगी तथा मार्कंडेय मंगलौर आदि के प्रतिनिधियों ने देव रुप में शामिल होकर देवश्री बड़ा छंमाहू को भेंट अर्पित की और देवश्री बड़ा छंमाहू ने 65 देउल के देऊलूओ की भेंट स्वीकार कर उन्हें आशीर्वाद दिया। उल्लेखनीय है कि नवनिर्मित देवरथ सृष्टि के रचयिता देवश्री बड़ा छंमाहू शनिवार को लाव लश्कर के साथ अपने मूल स्थान दलियाड से अपने क्षेत्र के लिए रवाना हो गए हैं। बता दें कि शनिवार को देवश्री बड़ा छंमाहू सबसे पहले फगवाना गांव में पहुंचे जहां देवता का भव्य स्वागत हुआ। चार छमाहूं, महाशक्ति तोतला माता व पराशर ऋषि इस दौरान मौजूद रहे। इसके बाद नाउली गांव पहुंच कर फिर से गाडूआ लगे यहां से देवता पल्दी छमाहूं व खणी छमाहूं ने बड़ा छमाहूं से अलविदा लिया। जबकि देवता धामणी छमाहूं, देवी तोतला व पराशर ऋषि देव बड़ा छमाहूं के साथ कोटला गांव में पहुंचें। जहां कोटला के ग्रामीण गांव पहुंचने पर नवनिर्मित देवरथ देवश्री बड़ा छंमाहू का भव्य स्वागत किया। वहीं रविवार 15 दिसंबर को धाराखरी,सोमवार 16 दिसंबर को धामण, मंगलवार 17 दिसंबर लारजी, बुधवार 18 दिसंबर शलेऊडी, हुरला, वीरवार 19 दिसंबर चकुरठा, शुक्रवार 20 दिसंबर फगवाणा, शनिवार 21 दिसंबर दलियाड, रविवार 22 दिसंबर पढ़ारनी, 23 दिसंबर सोमवार डोघर तथा 24 दिसंबर मंगलवार को देवश्री बडा छंमाहू अपने भव्य मंदिर कोटला मैं पहुंचेंगे। इस दौरान जगह-जगह देवश्री बड़ा छंमाहू के आगमन पर ग्रामीण जहां जोरदार स्वागत करेंगे वही घर-घर में जग का भी आयोजन होगा। वहरहाल सृष्टि के रचयिता देव श्रीबड़ा छंमाहू के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड पडी और 65 देउल के देउलू भेंट लेकर देवश्री बड़ा छंमाहू के मूल स्थान में पंहुचे।