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उपमंडल आनी के कुंईर गांव में आज भी भक्तों के दुखों को हरते हैं कुंईरी महादेव
सालभर कई मेले, जाच्च देव भोज, हर माह होता है विशाल भंडारे का आयोजन
तुफान मेल न्यूज, आनी
अधिष्ठाता भगवान वेद व्यास कुंईरी महादेव जी की दिव्य पवित्र स्थली पर आस्था के त्योहार, मेले, संक्राति, पूज, के अवसर पर देवता जी के मन्दिर में भक्तों का जनसैलाब कुछ यूँ होता है, मानो स्वंय आशुतोष शिवशंकर इस पवित्र धरती पर आ गए हो । आपको बता दे कि इन त्यौहारों के अवसर पर लोग अपने बच्चों का मुंडन देवता जी के चरणों मे करते है।
माना जाता है कि सच्चे दिल से कामना करने पर देवता भक्तों की मनोकामना को पूरी करते हैं। यहां पर दूर दूर से भक्त अपनी इच्छा पूरी होने पर देवता के चरणों में अपने शीश झुकाने आते है। यह नजा़रा हर संक्राति व कई पर्वों के दौरान देखने को मिलता है । भगवान वेद व्यास कुंईरी महादेव जी अपने तप, ज्ञान, शिक्षा, व्यवसाय, संतान उत्पत्ति, किसी भी प्रकार का रोग निवारण और नौकरी के लिए प्रसिद्ध है ।
सालभर हर संक्राति के सुअवसर पर देवता जी के माली अपनी मुखवाणी से भक्तों के कष्टों को हरते हैं। श्रद्धालओं के लिए मन्दिर मे कमेटी द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन हर संक्रांति पर किया जाता है। विशेषत: फाल्गुन संक्राति के सुअवसर पर देवता जी गुर (माली)के माध्यम से बर्षभर की भविष्यवाणी करते हैं।
आज भी जब कोई भक्त देवता जी को सच्चे दिल से भजता है तो वह कार्यक्षेत्र में ऊंचा पद पाता है और वह भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर देवता जी को मेहमान नवाजी (देवभोज) के लिए अपने घर पर लाते हैं । देवता जी अपने रथ मे आरूढ़ होते हैं और पूरे वाद्य यंत्रों के साथ भक्त के घर जाते हैं। बता दें कि देवता जी के साथ 12 भैरों 52 वीर 64 योगिनी अंग संग चलते हैं। साल भर इस तरह की कई जाच्च मन्नत पूरी होने पर भक्तों द्वारा दी जाती हैं ।
भगवान वेद व्यास कुंईरी महादेव जी का महत्व सभी दृष्टि से सार्थक है। जिसने कुंईरी महादेव व्यास ऋषि जी को समझ लिया उसने समझो ईश्वर को पा लिया हो। आध्यात्मिक शांति, धार्मिक ज्ञान और सांसारिक निर्वाह सभी के लिए आज भी कुंईर गांव में भगवान वेद व्यास जी का दिशा निर्देश बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है । इसलिए दूर दूर से श्रद्धालु आज भी उनके इस पवित्र स्थान कुंईर में अपनी कामनाएं लेकर आते रहते हैं। कुंईरी महादेव व्यास ऋषि जी केवल भक्तों के दुख ही नहीं हरते, अपितु वह अपने सभी भक्तों को जीवन के हर संकट से बाहर निकलने का मार्ग बताने वाले मार्गदर्शक भी है। आनी से 25 किलोमीटर की दूरी पर कुंईर नामक स्थान पर देवता जी का विशाल मंदिर है ।