देखें वीडियो,,,,,तीर्थन घाटी में एक साल बीतने के बावजूद नहीं भर सके आपदा के जख्म


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बदहाल सड़के, टूटे हुए पुल और क्षतिग्रस्त रास्ते हादसे को दे रहे न्योता

बाड़ीरोपा के पास क्षतिग्रस्त सड़क पर खतरे से खाली नहीं है बड़े वाहन चलाना, लोगों को सता रहा है भय

परस राम भारती तुफान मेल न्यूज, बन्जार.

देखें वीडियो,,,,

जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में बीते वर्ष जुलाई माह में आई आपदा के ज़ख्म आज भी हरे हैं। उस दौरान यहां के कई सम्पर्क सड़क मार्ग, पुल, पैदल रास्ते और कई भवन क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस आपदा की मार से कई गांवों के लोग आज तक उभर नहीं सके हैं जबकि आपदा को एक वर्ष से भी ज्यादा समय बीत चुका है। तीर्थन घाटी के दूर दराज गांवों को जोड़ने वाली अधिकतर सड़कों की स्थिती अभी भी बदतर बनी हुई है जिस कारण यहां के स्थानीय बाशिंदों, वाहन चालकों और सैलानियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सड़कों की बदहाली के कारण यहां के पर्यटन कारोबार पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। तीर्थन घाटी मुख्य सम्पर्क सड़क बंजार से बठाहड़ भी गत वर्ष आई आपदा के कारण कई जगह से काफी क्षतिग्रस्त हुई है जिसमें से कुछ स्थानों पर हालात काफी बदतर बने हुए है। इस सड़क मार्ग पर रोजाना कई छोटे बड़े वाहनों की आवाजाही होती है।

बाड़ीरोपा के पास तो यह सड़क करीब आधी टूट चुकी है। अगर समय रहते इस जगह सड़क की हालत को सुधारा नही गया तो, ऐसे में कभी भी इस स्थान पर कोई हादसा घट सकता है। स्थानीय निवासी ग्राम पंचायत कंडीधार के उप प्रधान मोहिंद्र सिंह, वॉर्ड सदस्य जीत राम, धनी राम ठाकुर, पूर्व पंच भोले दत्त, नरेश कुमार, दूर सिंह, ज्ञान विष्ट, भियानी सिंह टिल्ली, भोलदेव, किशन चन्द, ब्रिकम चन्द, वेली राम, बलवीर टीली और अनु विष्ट आदि का कहना है कि बीते वर्ष आई बाढ़ के कारण यहां पर लगा पैदल पुल और मुख्य सड़क में लगा डंगा क्षतिग्रस्त हो गए थे।

जो इस बार बरसात के मौसम में यह डंगा नदी में गिर गया है और सड़क करीब आधी टूट चुकी है। लोगों का कहना है कि कि इस मार्ग से हर रोज सैकड़ों छोटे बड़े वाहन गुजरते है, लेकिन इन्हें डर ही रहता है की इस जगह पर कही कोई हादसा न हो जाए। लोगों का कहना है कि इस क्षतिग्रस्त पुल और सड़क के बारे शासन प्रशासन को अवगत करवाने के बावजूद भी कोई सुध नहीं ली जा रही है।

यह सड़क करीब तीन माह पहले आधी टूट चुकी है लेकिन अभी तक इसकी मुरम्मत के लिए कोई भी कार्य शुरू नही हुआ है। लोगों ने बताया कि इस सड़क पर सुरक्षा उपाय करने बारे इन्होंने मौके पर जिला कुल्लू एवं लाहौल स्पीति एपीएमसी अध्यक्ष राम सिंह मियां को अवगत करवाया है जिन्होंने यहां पर शीघ्र ही सुरक्षा उपाय करने बारे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है। लोगों ने संबधित विभाग से मांग की है कि बाड़ीरोपा के पास सड़क की जल्द से जल्द मरम्मत करवाई जाए ताकि कोई हादसा होने से बचा जा सके। हालांकि इस सड़क मार्ग का पुनर्निर्माण कार्य नई एफडीआर तकनीक से किया जाएगा जिसका ट्रायल शुरू हो चुका है।

स्थानीय लोगों ने इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार का आभार जताया है। गौरतलब है कि गत वर्ष बरसात में आई भारी बारिश और भूस्खलन ने तीर्थन घाटी को भी गहरे जख्म दिए हैं। जिसमें यहां की आठ ग्राम पंचायतों को तहसील मुख्यालय से जोड़ने वाली बंजार से बठाहड़ मुख्य सड़क और सभी संपर्क सड़कों, तीर्थन नदी पर बने हुए पुलों, पैदल रास्तों और रिहायशी भवनों को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा यहां पर हुए नुकसान की भरपाई के भरसक प्रयास किए गए लेकिन एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कुछ स्थानों पर हालात जस के तस बने हुए है।

अभी तक यहां की मुख्य सड़क के अलावा नगलाडी से शर्ची सड़क, गुशैनी से पेखड़ी सड़क, बरनागी से मशयार सड़क और अन्य निर्माणाधीन सड़कों की हालत बदतर बनी हुई है। इसके अलावा तीर्थन नदी पर गत वर्ष ढहे पुलों और क्षतिग्रस्त रास्तों की भी कोई सुध नहीं ली जा रही है। इस विषय पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से प्रतिक्रिया जानने के लिए बार बार फोन करने पर भी सम्पर्क नहीं हो पाया।

वहीं एक साल पहले आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए गहीधार पैदल पुल, मुगला पुल, जावल पुल, रांधीभागी पुल और चूलीछो पैदल पुल का पुनर्निर्माण कार्य भी अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि लोगों ने आने जाने के लिए अपने तौर पर अस्थाई पुलिया बनाई है जो असुरक्षित है और किसी हादसे को न्योता दे रही है। यहां पर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बने अधिकतर पैदल रास्ते भी खस्ताहाल है जिस कारण स्थानीय लोगों और स्कूली छात्र छात्राओं को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

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