देखें वीडियो,,,,,,,थाची स्कूल के तीन बच्चों का भविष्य खतरे में,प्रशासन व शिक्षा विभाग खामोश,अब सीएम सुक्खू से आस


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-बच्चे की पिटाई मामले में एक और अभिभावक ने जड़े आरोप-डेढ़ महीने से बच्चे नहीं जा रहे पा रहे स्कूल तुफान मेल न्यूज,कुल्लू।

देखें वीडियो,,,,,

ज़िला मंडी के थाची स्कूल के तीन बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता जा रहा है और मंडी प्रशासन व शिक्षा विभाग ने आंखे मूंद ली है। अब बच्चों का भविष्य सिर्फ सीएम सुक्खू ही सुरक्षित कर सकते हैं ऐसी अभिभावकों को आस है। आरोप है कि अध्यापकों ने पहले तीन बच्चों की पिटाई की बाद में स्कूल से नाम भी काट दिए। जिस कारण बच्चों का दाखिला अन्य स्कूलों में भी नहीं हो पा रहा है। जिस कारण अब बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।

यह मामला पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की विधानसभा के थाची स्कूल का है।लिहाजा बच्चों की पिटाई का मामला लगातार तूल पकड़े हुए हैं और न जाने विभाग इतनी गहरी नींद में क्यों सोया है। पहले एक बच्चे की पिता ने प्रेस क्लब कुल्लू में आकर मीडिया के सामने अपना दुखड़ा रोया था और अब एक और अन्य दो बच्चों के अभिभावक ने भी स्कूल के अध्यापकों और इस मामले की जांच कर रही टीम की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। उक्त दोनों अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि स्कूल में पहले तो बच्चों पर चोरी का झूठा इल्जाम लगाया गया और उसके बाद अध्यापक द्वारा उनकी निर्मम पिटाई की गई।

बाद में बच्चों का स्कूल से नाम काट दिया गया जिस कारण पिछले डेढ़ माह से बच्चे अब स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। प्रभावित ओम प्रकाश ने बताया कि उसके दो बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं और मेरे बच्चों को इस अध्यापकों ने पीटा है और स्कूल से नाम काट दिए हैं। इस मामले की शिकायत 30 अप्रैल को उपयुक्त मंडी कार्यालय को सौंप थी जिसके चलते उपायुक्त कार्यालय से इस शिकायत पत्र को मार्क कर उपनिदेशक उच्च शिक्षा विभाग मंडी को जांच के लिए भेजा था लेकिन विभाग ने इस शिकायत पत्र को दबाकर रखा है। इस मामले को लेकर जांच न होना सवालिया निशान है। इतना ही नहीं बार-बार उप शिक्षा निदेशक के कार्यालय जाने पर उन्हें सिर्फ यह आश्वासन मिलता रहा कि अभी चुनाव चल रहे हैं समाप्त होने के बाद टीम भेजी जाएगी। लेकिन 14 जून को जो टीम विभाग द्वारा जांच के लिए भेजी गई थी इस टीम ने भी हमारे बच्चों के साथ भेदभाव का रवैया अपनाते हुए जांच की औपचारिकता निभाई है और कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा है कि मेरे बच्चों के साथ-साथ इंद्र शर्मा के बच्चे को प्रधानाचार्य कार्यालय के बाहर बैठाए रखा जबकि अन्य बच्चों को प्रधानाचार्य के कार्यालय में कुर्सी पर बैठकर बयान लिए गए। ऐसे में हमारे बच्चों के मन में हीन भावना पैदा हो रही है जबकि स्कूल में तीनों बच्चों के नाम भी काट दिए गए हैं। ऐसे में अब हमारे बच्चों का भविष्य अंधकार में है। लिहाजा इन तमाम पहलुओं को देखते हुए एक बार फिर ओमप्रकाश ने डीसी मंडी और देश की राष्ट्रपति को शिकायत पत्र भेजा है।उधर स्कूल के प्रधानाचार्य जगदीश चंद्र ने बताया कि बच्चे काफी समय से गैर हाजिर चल रहे थे जिस कारण उनका नाम काट दिया गया है। हालांकि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के साथ मिलकर बातचीत करने में लगा है ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। वहीं अभिभावकों ने अब प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से गुहार लगाई है कि ऐसे अध्यापकों पर कार्रवाई की जाए और उन्हें न्याय दिलाकर उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जाए।

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