सूरज पालीवाल ने ‘किस्से चलते हैं बिल्ली के पाँव पर’ किताब के नये संस्करण का किया विमोचन

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तुफान मेल न्यूज, कुल्लू।

हिंदी साहित्य के ख्यातिप्राप्त लेखक सूरज पालीवाल ने गणेश गनी की चर्चित पुस्तक के नये संस्करण का ग्लोबल विलेज स्कूल में विमोचन किया। यह पुस्तक बोधि प्रकाशन जयपुर ने नये रंग, रूप और आकार में प्रकाशित की है जिसमें गणेश गनी की पूर्व में छपी साहित्य – सम्वाद की चार किताबों से चुनिंदा संस्मरण, यात्रा वृत्तांत, शब्दचित्र, रेखाचित्र आदि शामिल हैं। पुस्तक का आवरण संजू पॉल ने बनाया है तथा भीतर एक रेखाचित्र कुंवर रवींद्र ने बनाया है।


जयपुर से पधारे सूरज पालीवाल ने इस अवसर पर कहा, ‘सुपरिचित कवि गणेश गनी की ‘किस्से चलते हैं बिल्ली के पांव पर’ पुस्तक अपने आप में अनूठी है । यह कवि के संवेदनशील मन के गद्य का जीवंत रूप है । बहुत छोटे – छोटे लेकिन मार्मिक प्रसंगों से भरी यह पुस्तक केवल कवि की निजी यात्रा भर नहीं है अपितु जम्मू कश्मीर और हिमाचल की सीमा पर बसे पांगी क्षेत्र के संघर्ष और जिजीविषा की कहानी है । इसे एक ऐसे युवा की आंखों से देखा और दिल से लिखा गया है, जो गांव के अभावों को शहर की जगमग रोशनी में खुली आंखों से देखता है । दुर्गम इलाके से शहर आना उस समय चांद पर पहुंचने जैसा था, जिसे गनी ने मार्मिक भाषा से बुना है ।
गनी जितने महत्वपूर्ण कवि हैं उतने ही नायाब गद्यकार भी।आज इस पुस्तक का विमोचन कर मन प्रसन्न है।’
इस अवसर पर सूरज पालीवाल की धर्मपत्नी सेवानिवृत्त प्रोफेसर शोभा पालीवाल भी मौजूद रहीं। पाठशाला के प्रशासक कैलाश गौतम ने मेहमानों का कुल्लुवी परम्परा से स्वागत किया। गणेश गनी ने पालीवाल दम्पति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि यह सौभाग्य है कि मशहूर आलोचक व लेखक सूरज पालीवाल के हाथों किताब का विमोचन हुआ तथा उनके विचार सुनने को मिले।
इस अवसर पर स्कूल प्रशासक कैलाश गौतम तथा सभी स्टाफ के सदस्य इंद्रा, जगदीश, रजनी, अनु, सुनीता, भूमा, लीला, हिमानी, सोमिला, रीनू शर्मा, ममतारानी, मोनिशा, अंजली, गीतांजलि, प्रेमा, ज्योति, आदित्य पूर्ण सिंह, गुरमीत, संदीप, रमेश, तिलक राज, ममता, रीनू कुमारी तथा हीरामणि आदि मौजूद रहे।

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