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तूफान मेल न्यूज,शिमला। CM सुखविंद्र सिंह सुक्खू के ही गृह जिला से 3 विधायक उनके खिलाफ हो गए और राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर भाजपा के हर्ष को जिताया। लिहाजा प्रदेश सरकार को राज्यसभा की सीट के लिए क्रॉस वोटिंग के कारण राजनीतिक संकट पैदा हो गया और सरकार गिरने तक की नोवत आ गई। फिलहाल स्थिति स्थिर हो गई है और सुक्खू सरकार पर मंडराए खतरे के बादल छंट गए हैं।अब फैसला हाईकमान के पाले में है। उधर हर्ष महाजन ने दावा किया है कि वर्तमान में कांग्रेस के 9 व 3 निर्दलीय विधायक उनके पक्ष में हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के गृह जिले से ही तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर सरकार पर संकट खड़ा कर दिया है। इनमें सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा और बड़सर के विधायक लखनपाल दोनों कांग्रेस पार्टी से चुनकर आए हैं और हमीरपुर सदर से आशीष शर्मा निर्दलीय विधायक हैं। कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा सरकार से लंबे समय से नाराज चल रहे थे और सोशल मीडिया पर अपनी ही सरकार को घेरते रहे। 16 दिसंबर को सुजानपुर में सेना दिवस के आयोजन के बहाने दोनों विधायकों ने शक्ति प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी थी।हिमाचल कांग्रेस के दोनों कार्यकारी अध्यक्षों ने एक मंच पर आकर सीएम सुक्खू के गृह जिले से कांग्रेस सरकार को सियासी चुनौती दे दी थी। विधायक राजेंद्र राणा मुखर होकर सरकार के खिलाफ एक के बाद एक बयान दे रहे थे। सोशल मीडिया पर सीएम के नाम पत्र भी जारी किए गए। जनवरी में विधायक राजेंद्र राणा के बेटे अभिषेक राणा ने हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। लगातार यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि अब विधायक राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा अपनी ही सरकार से आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है। दो दिन पूर्व ही विधायक राणा ने पटलांदर स्थित अपने निवास स्थान पर समर्थकों की भीड़ जुटाकर बड़े बदलाव के संकेत भी दिए थे। बहरहाल हिमाचल के इतिहास में पहली बार राज्यसभा चुनाव में इतनी बड़ी उठापटक हुई।