तूफान मेल न्यूज,कुल्लू।
सराज घाटी का प्रसिद्ध करथा नृत्य,यह नृत्य देवता करथनाग के समक्ष होता है,इस नृत्य को फागली भी कहते हैं। दशहरा पर्व में देवता करथनाग के समक्ष इस नृत्य को करते देउलू।
इसके अलावा दशहरा पर्व के दौरान देव श्रीबड़ा छमाहूं के समक्ष भी यह नृत्य होता है। दशहरा पर्व के दौरान देव श्रीबड़ा छमाहूं की कमर में करथनाग का मोहरा सुसज्जित होता है। माघ महीने में इसी नृत्य पर फागली का आयोजन होता है और देवता करथनाग के समक्ष मखोटों द्वारा भी यही नृत्य किया जाता है। इस दौरान फागली में इस नृत्य के साथ अश्लील गालियों का भी मिश्रण होता है।