देवसमाज के प्रति गंभीर नहीं कांग्रेस सरकार
शिविर हटाकर दिया घटिया मानसिकता का परिचय
तूफान मेल न्यूज, कुल्लू
जिला कल्लू के मुख्यालय ढालपुर के मैदान में इस साल दशहरा उत्सव कमेटी व कांग्रेस सरकार के द्वारा देव समाज के प्रति जो कार्रवाई की गई है। वह निंदनीय है। देवी देवता दशहरा उत्सव की शान होते हैं और जो भी देवी देवता दशहरा उत्सव में आता है। तो उसे पूरे सम्मान के साथ यहां पर बैठाया जाना चाहिए। लेकिन कांग्रेस सरकार ने देवी देवताओं के शिविरो को हटाकर अपनी घटिया मानसिकता का प्रदर्शन किया है।

बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने कांग्रेस सरकार व दशहरा उत्सव समिति पर निशाना चाहते हुए कहा कि जिन जिन देवी देवताओं के शिविरों को हटाया गया। उनके अधिकतर हारियान अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। देव समाज के प्रति सभी वर्गों में धार्मिक भावनाएं होती हैं। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस तरह के हरकत को अंजाम देकर यह दर्शा दिया कि वह देव समाज के हित में बिल्कुल भी नहीं है। विधायक सुरेंद्र शौरी ने कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि देवी देवताओं के लिए जो व्यवस्था बनी है। उसमें कोई बड़ा परिवर्तन नहीं करना चाहिए।

अगर कोई परिवर्तन करना है तो सर्व सम्मति से यह किया जाना चाहिए और उसमे देवी देवताओं की आज्ञा भी ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार में देव संस्कृति के प्रति कोई सम्मान नज़र नहीं आता है। सरकार बनती बिगड़ती रहती है। लेकिन देव संस्कृति पहले भी थी और आगे भी रहेगी। ऐसे में देवी देवताओं के प्रति जो कांग्रेस सरकार ने यह फैसला लिया है। उसका देव समाज में विरोध हो रहा है और आम जनता भी इस बात का समर्थन कर रही है। कि देवी देवताओं से ही दशहरा उत्सव की शान है और यहां आने वाले हर देवी देवता को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए।
दशहरा कमेटी के अध्यक्ष सुंदर ठाकुर का भी किया घेराव
तूफान मेल न्यूज,कुल्लू।
वही विधायक सुरेंद्र शौरी ने सीपीएस सुंदर ठाकुर को भी इस मामले में घेरते हुए कहा कि वह पूरे दशहरा उत्सव में हर जगह यही बात कह रहे हैं कि अब की बात दशहरा में कुछ नया है। अगर देवी देवताओं को हटाकर कुछ नया किया जा रहा है तो उसे बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा। सीपीएस सुंदर ठाकुर को दशहरा उत्सव के आयोजन से पहले ही इन सब बातों की जानकारी लेनी चाहिए थी कि किस देवता को निमंत्रण दिया जाता है और किस देवता को नहीं।

अगर कोई देवी देवता दशहरा उत्सव में आते हैं तो उनका पूरा सम्मान किया जाना चाहिए ना कि उनके शिविरो को हटाकर देवी देवताओं के साथ आए लोगों को अपमानित करना चाहिए। सीपीएस सुंदर ठाकुर दशहरा उत्सव को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हुए नजर आए। लेकिन धरातल पर दशहरा उत्सव में कुछ भी नया देखने को नहीं मिला है। इसके अलावा अधिकारी भी सीपीएस सुंदर ठाकुर के द्वारा लिए जा रहे फैसलों से परेशान है और अधिकारियों पर भी जबरन दबाव डाला जा रहा है।