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इस व्रत से सूर्य व चन्द्रमा ग्रह के दोष से भी मिलेगी मुक्ति
तूफान मेल न्यूज, डेस्क।
सावन माह में जहां भगवान शिव की आराधना का विधान है। तो वही प्रदोष व्रत के माध्यम से भी भक्तों को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है प्रदोष व्रत हर माह की कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। ऐसे में इस दिन भगवान शिव की आराधना का भी विशेष विधान है। अगस्त माह की 13 तारीख को भी प्रदोष व्रत मनाया जाएगा और रविवार के दिन भगवान शिव की पूजा आराधना की जाएगी।
कब होगी भगवान शिव की पुजा
13 अगस्त को सुबह 8:19 पर त्रयोदशी तिथि शुरू होगी और 14 अगस्त सुबह 10:25 पर समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के शुभ दिन पर भगवान शिव देवी पार्वती अधिक प्रसन्न होते हैं और भगवान शिव के भक्ति इस दिन व्रत व अन्य पूजा अर्पण भी करते हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करता है और प्रदोष व्रत रखता है उस पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। साथ ही उसके वैवाहिक जीवन में सुख शांति आती है और जीवन में चल रहा तनाव भी समाप्त होता है। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को बुरे ग्रहों के प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है और शाम के समय ही भगवान शिव की पूजा करने का विधान है।
क्या कहते हैं आचार्य दीप कुमार
आचार्य दीप कुमार के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का स्नान करवाना चाहिए। उसके बाद शिव परिवार की भी पूजा भक्तों के द्वारा पूजा जाना चाहिए प्रदोष व्रत के दिन भक्त ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप कर सकते हैं और भगवान शिव की आरती करने के बाद जागरण कर सकते हैं। रवि प्रदोष व्रत का संबंध सीधा सूर्य से होता है और इस व्रत को करने से चंद्रमा के साथ सूर्य भी भक्त के जीवन में शुभ फल देता है। वही चंद्र और सूर्य की शुभता के कारण अन्य ग्रहों के दुष्प्रभाव भी खत्म होते हैं। इसी दिन कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए भी भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं और रवि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर एक मुट्ठी गेहूं अर्पित करने से उन्हें जीवन में उन्नति मिलेगी। वहीं अगर कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी से जूझ रहा है तो वह इस दिन घर में मीठा पकवान बनाकर किसी नेत्र हीन व्यक्ति को खिलाएं। पूर्व दिशा की ओर मुख करके आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से भी भक्त को आरोग्य और लंबी आयु का वरदान मिलता है।