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तूफान मेल न्यूज,भुंतर। गत दिनों ब्यास नदी में आई बाढ़ से जहां मनाली से लेकर औट तक भारी तबाही मची वहीं अब नदी के किनारों की असली तस्वीर सामने आने लगी है। नगवाईं के सामने हुरला थरास के मथोगी के ग्रामीणों की 120 बीघा से अधिक उपजाऊ भूमि भी ब्यास नदी ने लील ली है। यहां अधिकतर जमीन बह गई है और जो जमीन बच गई है वह रेत-पत्थर से खंडहर बन गई है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि नगवाईं में राधा-स्वामी भवन के पास डंपिंग के कारण नदी ने इस बार अपना रुख बदला है और मथोगी गांव के लोगों की जमीन बहा कर ले गई।
अब यहां के ग्रामीण वेहद परेशान है,क्योंकि उनकी रोजी रोटी इसी जमीन से चलती थी। ग्रामीणों में निराशा इस बात को लेकर भी है कि उनके यहां इतना नुकसान हुआ है लेकिन सरकार व प्रशासन ने उन्हें अभी तक इग्नोर किया हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि इस घटना से चंद्रमणि, लीलामणि,परमेश्वर लाल,डोला सिंह,कुलदीप ठाकुर, राकेश गौतम,बिनु शर्मा,शफीक अहमद,लियाकत अल्ली, सतीश शर्मा,बिंटू शर्मा आदि की जमीन बह गई है।
स्थानीय प्रभावितों ने प्रशासन से मांग की है कि यहां का मुआयना किया जाए और जो नदी को डायवर्ट कर रहे हैं उन पर कार्रवाई की जाए। यहां के प्रभावितों ने बताया कि आज तक कभी भी उनकी जमीन तक नदी नहीं पहुंची थी लेकिन डंपिंग के कारण यह घटना घटी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उनका गुजारा इसी जमीन से चलता था और अब वे वेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सारी जमीन वह गई हैं और शेष बची जमीन में रेत व पत्थर के ढेर लग गए हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि यहां का मुआयना किया जाए। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां ब्यास सत्संग भवन के पास फोरलेन का मलबा भारी मात्रा में डंप किया गया है जिस कारण उनके खेतों में तबाही मची है।