तूफान मेल न्यूज, शिमला । हिमाचल के लिए आज खुशी की खबर है कि 40 लोगों की जिंदगी बाल-बाल बच गई। जाखो राखे सईयां मार सके न कोई शायद यह कहावत यहां स्टीक बैठती है। यहां एक चालक की होशियारी से 40 जिंदगियां बच गई हैं और एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई है। यदि चालक ने होशियारी न बरती होती तो कई आंगन सुने हो जाते।
शिमला जिला के कुपवी उपमंडल के तहत धार चांदना में मंगलवार को एक बड़ा हादसा होने से बाल बाल बच गया है। बताया जा रहा है कि धार चांदना से 40 सवारियां लेकर हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस (एचपी 63 ए-2639) शिमला के लिए रवाना हुई।
बस धार चांदना से कुछ ही दूर पहुंची थी कि खडक़ाली से थोड़ा आगे जाकर बस की अगली मेन और सेकंड कमनीयां टूटने की जोर से आवाज आई और बस हिचकोले खाते हुए सडक़ के किनारे खाई की तरफ रुक गई। बस के चालक नीरज कुमार ने बड़े खतरे को समय पर भांप कर होशियारी दिखाते हुए बस पर नियंत्रण तो कर लिया, परंतु इस दौरान बस का अगला हिस्सा पूरी तरह सडक़ से बाहर हो गया।
जिस स्थान पर यह घटना पेश आई उस स्थान पर नीचे की तरफ हजारों फुट गहरी खाई है। लिहाजा हादसे की कल्पना मात्र से ही बस के अंदर चीखोंपुकार मच गई। बस के परिचालक विकास नाथ ने बताया कि घटना के समय बस के अंदर 40 सवारियां सवार थी।
यह बस धार चांदना से प्रतिदिन सात बजे शिमला के लिए चलती है। धार चांदना से मंगलवार सुबह एक निजी बस कुपवी के लिए जरूर चलती है, परंतु शिमला अथवा नेरवा की तरफ आने के लिए यही एक मात्र बस सेवा है, जिस वजह से यह सवारियों से अकसर भरी रहती है। बस स्टैंड इंचार्ज नेरवा डिपो राजेंद्र कुमार ने बताया कि यह घटना बस की कमानियां टूटने की वजह से पेश आई है।
बस नई और भारत स्टेज चार (बीएस-4) की है। उधर, क्षेत्र के लोगों ने इस घटना में 40 लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए चालक नीरज कुमार को सम्मानित करने तथा बस में प्रतिदिन होने वाली भीड़ को देखते हुए सुबह धार चांदना से नेरवा तक एक अतिरिक्त बस सेवा शुरू करने की मांग की है।