Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
जुनिपर शुक्पा पौधे के औषधीय कीमत बहुत–ए एस रावत
तूफान मेल न्यूज,लाहौल- स्पीति
भारतीय वानिकी अनुसंधान एवम शिक्षा परिषद, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान से
जुनिपर शुक्पा की नर्सरी तकनीक एवम महत्वपूर्ण सम शीतोष्ण औषधीय पौधों की खेती पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
इस में बतौर मुख्यतिथि संस्थान के महानिदेशक ए एस रावत रहे। उन्होंने कहा कि जुनिपर शुक्पा पौधे के औषधीय कीमत बहुत है। कई हिमालय के राज्यों में यह पौधा काफी विकसित हो रहा हैं। इससे जहां पर्यावरण भी सुरक्षित होता है वहीं लोगों को आय के साधन भी विकसित होती है ।
जुनिपर (पेंसिल सिडार) उत्तर-पश्चिम हिमालयी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण शंकुधारी वृक्ष है। भारत वर्ष में यह वृक्ष मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश के किन्नौर एवं लाहौल और स्पीति जिले में और जम्मू-कश्मीर के गुरेज घाटी और लद्दाख क्षेत्र तथा उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है ।
वहाँ की स्थानीय भाषा में इसे शूर, शुक्पा, शुर्गु, लाशूक एवं धूप नाम से जाना जाता है।
विशिष्ठ अतिथि के तौर पर एडीसी राहुल जैन ने कहा कि स्पीति में इस पौधे से कई लोगों को फायदा हो सकता है। घर में ही लोगों को आय होगी और यहां की आर्थिकी मजबूत होगी।निदेशक संस्थान के निदेशक डॉ॰ संदीप शर्मा ने बताया कि ताबो में जूनिपर की नर्सरी एवं पौधरोपण तकनीक विकसित करने में सफलता पायी है और कहा कि पहले इसकी नर्सरी और पौधरोपण नहीं थी, जिससे कारण वन विभाग पौधरोपण के लिए इसके पौधे तैयार नहीं कर पा रहा था, परंतु संस्थान द्वारा विकसित नर्सरी तकनीक से इसके पौधरोपण के द्वार खुल गए है।