Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
तूफान मेल न्यूज केलांग। इंडो-तिब्बत सीमा के साथ हिमाचल के दो जिलों को जोड़ने बाली सड़क तांदी-किलाड़-संसारीनाला को एनएच का दर्जा मिल गया है। अब शीघ्र ही इस पर निर्माण कार्य शुरू होगा और सामरिक दृष्टि से जहां सड़क महत्वपूर्ण है वहीं लाहुल-स्पीति,किन्नौर व पांगी के लोगों का आवागमन भी आसान हो जाएगा। लिहाजा
हिमाचल के दो दुर्गम जिलों से सटी चीन की सीमा पर भारतीय सेना अब आसानी से पहुंच पाएगी। लाहौल और किन्नौर की सीमा पर तांदी-किलाड़-संसारीनाला सड़क से आसानी से पहुंचा जा सकेगा। केंद्र ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस सड़क को नेशनल हाइवे का दर्जा दे दिया है।
तांदी-किलाड़-संसारीनाला सिंगल लेन सड़क को जल्द टू-लेन बनाया जाएगा। केंद्र ने इसकी डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को भी मंजूरी दे दी है। इसके बाद भारतीय सेना श्रीनगर से किश्तवाड़ व उधमपुर होते हुए सीधे पहले लाहौल फिर किन्नौर पहुंच पाएंगी। जम्मू व पठानकोट जाने की जरूरत नहीं रहेगी। अभी सेना को लेह मार्ग से होते हुए आना पड़ता है।
इस सड़क के टू-लेन बनने से चंबा जिले के दुर्गम क्षेत्र पांगी-किलाड़, किश्तवाड़ समेत लाहौल घाटी के लोगों का आवागमन भी आसान होगा। यह सड़क सर्दी में भी वाहनों की आवाजाही के लिए खुली रहती है और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगी। क्योंकि यह पूरा क्षेत्र प्रकृति के अनमोल खजाने से भरी पड़ी है।एनएच का दर्जा मिलने के बाद अब सीमा सड़क संगठन का दीपक प्रोजेक्ट इसे डबललेन बनाएगा।
तांदी से थिरोट के बीच 30 किलोमीटर, उदयपुर से तिंदी तक 40 से 70 और शोर से किलाड़ तक 96 से 125 किलोमीटर के दायरे के बीच का हिस्सा डबललेन होगा।अब सीमा सड़क संगठन ने भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी की प्रक्रिया पर काम शुरू कर रहा है। बहरहाल इस सड़क के बनने से जहां प्रदेश के जनजातियों जिलों लाहुल-स्पीति, किन्नौर व चंबा जिला के पांगी,भरमौर,किश्तवाड़ जैसे क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा वहीं सेना के लिए भी यह सड़क बरदान साबित होगी।