तूफान मेल न्यूज की तीखी टिप्पणी। कुल्लू में सुंदर राज आ गया है। राज सुंदर है तो व्यवस्था भी सुंदर होगी यह स्वाभाविक है। सीपीएस सुंदर ठाकुर का सपना है कि कुल्लू शहर हिंदुस्तान के टॉप शहरों में सुंदरता की दृष्टि में शुमार होना चाहिए। इसके लिए प्रयास तेज नहीं हुए बल्कि कार्य शुरू हो चुका है। सुंदर ठाकुर यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे फाइलों में नहीं जमीन पर काम करते हैं और काम जमीन पर ही होगा। सुंदर ठाकुर को मालूम है कि वे जो कठोर कदम उठा रहे हैं उसका उनको शुरुआती दौर में नुकसान हो सकता है लेकिन वे दूरगामी दूरगामी व फौरी परिणाम पर विश्वास रखते हैं।

उन्हें मालूम है कि फौरी तौर पर उनके फैसले से 30 फीसदी लोग निराश हो सकते हैं लेकिन 70 फीसदी लोग उनके निर्णयों में सहमत होंगें। यही 70 फीसद लोग राजनीति में उन्हें फायदेमंद होंगे और शहर भी सुंदर होगा। लिहाजा उनकी सोच अब सरकार की सोच है। जो वोह कहेंगें उस पर अमलीजामा पहनाया जाएगा। उनकी सोच अब धरातल पर उतरने लगी है। सुंदर की सोच है कि कुल्लू सुंदर हो। यहां न रेहड़ी रहे और न फहड़ी।

यही नहीं कुल्लू में अब भिखारी भी नजर नहीं आएंगे। इसके लिए आज बाकायदा सुंदर ठाकुर ने नप के पार्षदों,शहर के सभी लोगों व वुद्धिजीवी वर्ग को अटल सदन में सुझाब देने के लिए बुलाया है कि कुल्लू शहर को सुंदर बनाने के लिए क्या-क्या योजना होनी चाहिए। हालांकि सुंदर ठाकुर ने सभी निर्णय ले लिए हैं कि उन्होंने क्या करना है लेकिन उन्होंने आज सभी वर्गों की अपने फैसलों पर मोहर लगानी है।
बाल गोपाल के गोकुल का इतिहास खतरे में
सीपीएस सुंदर ठाकुर का कुल्लू स्वच्छता का निर्णय वेशक सराहनीय है लेकिन गोकुल के बाल गोपाल के सारे पनघट नष्ट होने जा रहे हैं। सुंदरता की योजना से न तो कुल्लू रूपी गोकुल में गोपाल की सत्ता रहेगी और न ही चरागाह। रहेगी तो सिर्फ सुंदरता और कुल्लू बनेगा सुंदर।
रेहड़ी-फहड़ी से ही सत्ता पर काबिज होते हैं गोपाल
कुल्लू नगर परिषद को बनाने में रेहड़ी-फहड़ी का आजतक महत्वपूर्ण योगदान रहा है। नगर परिषद अध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत का नप क्षेत्र में बहुत बड़ा प्रभाव है। लेकिन विरोधी पार्टी भाजपा के कारण उन्हें भारी चुनौती भी मिलती रही है लेकिन वे अपनी सीट कहीं से भी जितने में सक्षम है। इसके पीछे राज यह है कि उन्होंने रेहड़ी-फहड़ी के माध्यम से सेंकडों लोगों को रोजगार मुहैय्या करवाया था। लेकिन अब सुंदर की सुंदरता योजना उनकी सल्तनत पर भारी पड़ सकती है।
कहां जाएंगे रेहड़ी-फहड़ी बाले व भिखारी
कुल्लू शहर को सुंदर बनाने की योजना काबिलेतारीफ है। लेकिन सवाल भी खड़े हो रहे हैं। इस समय सुंदर ठाकुर सत्ता में है और सरकार का दायित्व उजाड़ना नहीं बसाना होता है। अब देखना यह है कि सुंदरता के नाम पर जो उजड़ रहे हैं उन्हें बसाने के लिए क्या योजना अखितयार की है इसका सबको इंतजार है।
कहां जाएंगे भिखारी
सुंदर ठाकुर की योजना है कि कुल्लू-भुंतर भिखारी मुक्त होगा। लेकिन यहां पोषित होने बाले भिखारियों के पोषण के लिए क्या योजना है इस पर सवाल जरूर उठेंगे। बाहरी भिखारियों को तो जाना होगा शहर छोड़कर लेकिन कुछ ऐसे भिखारी भी हैं जो स्थानीय है जिसमें कुछ अपंग है, कुछ कुष्ठ रोगी है ओर कुछ बेसहारा है जो मापतोल की मशीन लेकर सड़क किनारे रोजी-रोटी का जुगाड़ कर रहे हैं। जिनके भरण पोषण का क्या प्लान है इस पर भी योजना हो सकती है। अब देखना है कि इस पर क्या होने जा रहा है।
क्या बेंडर पॉलिसी हुई है तैयार
शहर में रेहड़ी-फहड़ी बालों को सुव्यवस्थित करने व स्थापित करने के लिए बेंडर पॉलिसी बनाई जाती है अब देखना यह है कि क्या इस पर अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
क्या होगा तहबाजारी का
नगर परिषद में नप की आय बढ़ाने के लिए तहबाजारी का नियम है जिससे नप की आय बढ़ती है लेकिन कुल्लू को सुंदर बनाने में तहबाजारी का क्या होगा इस पर भी बिचार होना बाकी है।