राज्य स्तरीय नाट्योत्सव के तीसरे दिन शिमला के नाटक द ग्लास मैनेजरी’ का खूबसूरत मंचन


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-लोक नाट्य ‘दाहाजा’ में हमीरपुर के कलाकारों ने स्वांग से खूब हंसाया
नीना गौतम तूफान मेल न्यूज ,कुल्लू।
अटल सदन कुल्लू में भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित किए जा रहे राज्य स्तरीय नाट्योत्सव के तीसरे दिन संकल्प रंगमण्डल शिमला के कलाकारों ने युवा निर्देशक नरेश
कुमार मिन्चा के निर्देशन में टेनिसी विलियम्स के लिखे नाटक ‘द ग्लास मैनेजरी’ का
खूबसूरत मंचन किया।

यह नाटक उत्तम, जो कि इसमें कथाकार है और इस नाटक का किरदार भी
है। वह एक महत्वकांक्षी कवि है, जो अपनी मां राधिका देवी और बहन कीर्ति के साथ हिल
स्टेशन में रहता है एक जूते की दुकान में एक सेल्समैन की नौकरी कर रहा है जो कि उसे कभी
नहीं करनी थी। लेकिन मजबूरी है कि नौकरी करनी पड़ रही है। उसका बाप उन्हें छोड़ कर
चला गया है। मां राधिका अपनी बेटी कीर्ति की शादी को लेकर चिन्तित है उसकी शादी नहीं
हुई है। मां बेटे से कहती है कि अपने किसी अच्छे से दोस्त को अपने घर लाए ताकि वह अपनी
बेटी की शादी उससे करवा सके। नाटक में वर्तमान समय की वास्तविकता को उजागर किया गया है।
जिसमें इन्सान कामयाब न हो पाने की ज्दोजेहद में लोगों की ज़िंदगियां बसर हो जाती हैं।
वे अपनी काल्पनिक दुनिया बना लेते हैं और उस दुनिया में अपने तरीके से रहना चाहते हैं।
कभी उनके सपने टूट जाये तो पीड़ा से भर जाते हैं।

आदमी एक अन्धी दौड़ मे भाग रहा
है, बिना किसी हमदर्दी और अपनेपन के। नाटक के अन्त में सचिन एक उम्मीद बन कर आता है जो
वही सचिन है जिससे कीर्ति काॅलेज के दिनों मे प्यार करती थी। लेकिन उसका भी जब पता चलता है
कि दो महीन बाद उसकी शादी होने वाली है तो कीर्ति और उसकी मां के सपने शीशे की तरह
टूट जाते हैं। नाटक में अदिति कालटा, शाना चैहान, सुमित ठाकुर तथा स्वयं नरेश मिन्चा
ने लाजजबाव अभिनय किया। प्रकाश व्यवस्था अशोक की रही जबकि पाष्रव ध्वनि पर रोहित कंवल रहे।
जहां इस समकालीन नाटक में दर्शकों को संजिदा किया तो वहीं लोक नाट्य ‘दाहाजा’ जो कि
साहिल म्युज़िकल ग्रुप हमीरपुर की थी दर्शकों को अपने स्वांग से खूब हंसाया और उस
लोकनाट्य में बौरा जो आग से खेलता आया तो दर्शकों को रोमांचित कर दिया। इस
लोकनाट्य में विक्की, केहर सिंह, देश राज, धनी राम, किषोरी लाल, विरेन्द्र कुमार, विनोद
कुमार, शुभम दड़ोच, सौरभ दड़ोच व उपमा ठाकुर आदि कलाकारों ने अपनी कला का

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