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-घोटाले में मेरा नाम उछालने बालों पर होगा मानहानि का दावा
-कहा-दो बड़े अधिकारियों की आपसी खींचतान से उछाला जा मामला
तूफान मेल न्यूज ,कुल्लू। पार्वती परियोजना में कार्यरत बलीचा कंपनी में टनल के कार्य के दौरान विधुत बोर्ड ने सात माह तक बिना टेस्ट रिपोर्ट के मीटर लगा रखा। और वर्क आर्डर भी बनाया जिसमें मेरे हस्ताक्षर नहीं है। यह बात समाजसेवी एवं बलीचा कंपनी में कार्य करने बाले विधुत ठेकेदार सुभाष चंद्र शर्मा ने कहीं।
उन्होंने कहा कि बलीचा कंपनी को बचाने के लिए विधुत बोर्ड के दो अधिकारियों ने फ़्रॉड वर्क आर्डर तक निकाने जिसमें मेरे हस्ताक्षर तक नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने कार्य की पेमेंट न मिलने तक बलीचा कंपनी को कोई भी टेस्ट रिपोर्ट नहीं दी लेकिन विधुत बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से सात माह तक विजली मीटर लगा रहा। उन्होंने कहा कि यह मीटर जेई और एसडीओ की बिना अनुमति से नहीं लगता और दोनों अधिकारी इसमें दोषी है। उन्होंने कहा कि उसके बाद इस मीटर का जो बिल आया उसको भरने में भी कंपनी ने लेट लतीफी की और कंपनी पर पेनल्टी भी पड़ी। लेकिन बाद में कंपनी ही ब्लैक लिस्ट और फिर काम शुरू करने के लिए फस्ट पार्टी एनएचपीसी ने न्यायालय में दो करोड़ जमा किए हैं। उन्होंने कहा अब चेयरमैन बनने के लिए दो अधिकारियों में कशमकश चली है जिस कारण अपनी रंजिश के चलते इस मामले को उछाला जा रहा है जबकि यह मामला आठ साल पुराना है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इस पूरे मामले में मेरा नाम उछाला है और इस मामले को घोटाला करार दिया है जबकि यह घोटाला नहीं है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन अधिकारी व नाम उछालने बालों पर मानहानि का मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों पर मामला दर्ज होने चाहिए जिन्होंने फ्रॉड वर्क ऑर्डर निकाले और बिना टेस्ट रिपोर्ट के सात माह तक मीटर लगा रखा।
बिना टेस्ट रिपोर्ट कैसे लगा मीटर
ठेकेदार सुभाष शर्मा ने कहा है कि मैंने जब कंपनी को टेस्ट रिपोर्ट दी ही नहीं तो फिर मीटर कंपनी में कैसे लगा जो कानूनन अपराध है। उन्होंने कहा कि मीटर लगाने में जेई और एसडीओ का हाथ है। नियमानुसार उनकी अनुमति से मीटर नहीं लगता है।
मानहानि का होगा दावा
ठेकेदार सुभाष शर्मा ने कहा कि सात माह बाद मैंने टेस्ट रिपोर्ट दे दी और उसके बाद मेरा कार्य खत्म था और ठेकेदार का जितना कार्य होता है वह पूरा हुआ था। फिर भी कुछ लोगों के इस कथित घोटाले में मेरा नाम उजागर किया जिन पर मानहानि का दावा होगा।