सड़क निर्माण से 18 परिवार भूमिहीन होने की कगार पर


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शेलड़ी गांव के ग्रामीणों ने सीएम से सड़क न बनाये जाने की रखी मांग
वैकल्पिक मार्ग से किया जाए गाँव की सड़क का निर्माण

तूफान मेल न्यूज , कुल्लू । जिला कुल्लू की उझी घाटी की सलिंगचा पंचायत में सड़क निर्माण में कुछ परिवार भूमिहीन होने का दावा कर रहे हैं।

तो वही उन परिवारों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग रखी है कि सड़क को अब दूसरी ओर से निकाला जाए। ताकि 18 परिवार भूमिहीन होने से बच सके। उझी घाटी की सलिंगचा पंचायत के शेलड़ी गांव से तीरशाडी गांव तक सड़क का निर्माण किया जा रहा है। वही इस सड़क निर्माण में लोगों की भूमि व उस पर फलदार पेड़ भी चपेट में आ रहे हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि जब यह सड़क निर्माण की बात शुरु हुई थी। तो उस दौरान भी उन्हें सड़क निर्माण बारे में नहीं

पूछा गया था और अब यहां पर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग के साथ मिलकर पैमाइश कर रहा है। जिसमें उनकी भूमि भी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वे सड़क बनाने के विरोध में नहीं है। लेकिन अगर गांव के बीच से यह सड़क निकलती है तो इससे 18 परिवारों की भूमि प्रभावित हो रही है और कई परिवार ऐसे भी है जो भूमिहीन भी हो रहे हैं।

उनका कहना है कि तीरशाडी गांव की ओर दो अन्य स्थानों से सड़क निकल रही है तो ऐसे में शेलड़ी गांव के बीच से यह सड़क निकालना तर्कसंगत नहीं है।

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विद्या देवी का कहना है कि उनके पुरखे के द्वारा यहां पर बगीचा तैयार किया गया और यही उनका एकमात्र आजीविका का साधन है।।अगर यहां से सड़क निकाली जाती है तो उनका बगीचा इस से नष्ट हो रहा है।।बगीचा अगर उनके पास नहीं होगा तो वह किस तरह से अपने परिवार का भरण पोषण कर पाएंगे।

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वहीं स्थानीय निवासी शेर सिंह का कहना है कि जहां से यह सड़क निकाली जा रही है वह भूमि सीधी ढलान पर है। ऐसे में गांव में बने कई घरों को भी इससे खतरा पैदा होगा और आने वाले समय में पहाड़ी से भी भूस्खलन होने का खतरा बना रहेगा। पहाड़ी के नीचे लोगों के फलदार पेड़ों के बगीचे और भूस्खलन के कारण वह भी नष्ट हो जाएंगे। ऐसे में सभी ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग रखी है कि यह गांव दलित परिवारों का है और दूसरी ओर से सड़क निकाल कर उन्हें भूमि होने से बचाया जाए।

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वहीं समाजसेवी एंव दलित नेता दीनू राही का कहना है कि यह पूरा गांव दलितों का गांव है यहां पर कुछ लोग बीते 50 सालो से सरकार द्वारा आबंटित नौ तोड़ भूमि पर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। और यहॉ से सड़क निकलने पर गाँव के बहुत से लोग भूमि हीन हो जाएंगे ऐसे में प्रदेश सरकार से भी मांग है कि जब दूसरी ओर से सड़क निकल सकती है और उसका फासला भी काफी कम है। तो गांव के बीच से सड़क ले जाना बिल्कुल भी ठीक नहीं है और इस सड़क को दूसरी ओर से ले जाना चाहिए।

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